रात में अकेली महिला के घर में घुस कर हमला करने वाला ट्रांसपोर्टर गया जेल

रायगढ़। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र है, जहाँ एक अपार्टमेंट में रहने वाली अकेली महिला के घर में शहर का नामचीन ठेकेदार अनुज सिंह निवासी क्रिस्टल ग्रीन कॉलोनी, जूटमिल, रायगढ़ (छ०ग०) अपने कई साथियों के साथ रात को 11 बजे महिला के घर के दरवाजे को लात मारकर अंदर घुस गया और महिला के साथ गाली गलौज कर उसे जान से मारने की धमकी दिया गया और महिला से हाँथापाई भी गई। महिला की रिपोर्ट पर पुलिस थाना सिटी कोतवाली में अनुज सिंह व उसके साथियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 502/2025 अंतर्गत धारा 333, 296, 251 (2) भारतीय न्याय संहिता दर्ज कर कर मुख्य आरोपी अनुज सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय श्रीमान मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, रायगढ़ छ०ग० (पीठासीन अधिकारी- श्रीमती नेहा यति मिश्रा) के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जहाँ आरोपी अनुज सिंह को निर्दोष होना बताकर जमानत प्रदान किये जाने का निवेदन किया गया था, वहीं दूसरी ओर पीड़िता की ओर से जमानत पर मिश्रा चेम्बर्स से अधिवक्ता आशीष कुमार मिश्रा नें जमानत पर आपत्ति प्रस्तुत करते हुए यह तर्क दिया कि, पुलिस के एफ. आई. आर में घटना का समय रात्रि 11 बजे लिखा हुआ है, जिस कारण घटना का सूर्यास्त के पश्चात व सूर्योदय के पूर्व होना प्रमाणित है, जिस कारण प्रकरण में 07 वर्ष तक के दण्ड से दण्डनीय भारतीय न्याय संहिता की धारा 333 के स्थान पर आरोपी अनुज सिंह व उसके साथियों द्वारा भारतीय न्याय संहिता की धारा 331 (5) एवं 331 (6) के तहत अपराध घटित करना दर्शित है, जो क्रमशः 10 वर्ष एवं 14 वर्ष तक के कारावास से दण्डनीय है। आपत्तिकर्ता के अधिवक्ता आशीष कुमार मिश्रा नें तर्क के दौरान यह भी बताया कि, पीड़िता के साथ हांथापाई कर उसके पहने हुए वस्त्रों को फाड़ देना भी एफ आई आर में वर्णित हैं परन्तु इस संबंध में भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 भी प्रकरण में संयोजित नहीं किया गया है, जिसे अनुसंधान (इन्वेस्टीगेशन) के दौरान पुलिस द्वारा संयोजित किया जा सकता है एवं घटना के उपरांत आरोपी के परिचितों द्वारा पीड़िता पर राजीनामा करने का दबाव भी बनाया जा रहा है और आरोपी औरंगाबाद बिहार का रहने वाला है, जिसे जमानत मिलने पर उसके फरार हो जाने की संभावना है तथा इस बात की भी संभावना है कि, जमानत मिलने पर आरोपी पीड़िता के साथ इससे भी गंभीर घटना कारित कर सकता है। इसी प्रकार की आपत्ति छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से अभियोजन द्वारा भी किया गया।न्यायालय श्रीमान मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी रायगढ़ (छ०ग०) द्वारा इस प्रकरण की गंभीरता के आधार पर आरोपी अनुज सिंह की जमानत को निरस्त कर उसे जेल अभिरक्षा में प्रेषित करने का आदेश पारित कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

ज्ञात हो कि इस प्रकरण के अनुज सिंह के साथ अपराध करने वाले सह-आरोपी अभी तक पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं तथा पुलिस द्वारा लगातार उनकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है।

हमारा मानना है कि लगातार समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध एक सामाजिक चिंता व चिंतन का विषय है, बहरहाल न्यायालय का यह आदेश महिलाओं के प्रति बढ़ते हुए अपराधों पर अंकुश लगाने के प्रयासों में मील का पत्थर साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button